सिंहासन

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सिंहासन † संज्ञा पुं॰ [सं॰ सिंघासन, प्रा॰ सिंहासन] दे॰ 'सिंहासन' ।

सिंहासन संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. राजा या देवता के बैठने का आसन या चौकी । विशेष—यह प्रायः काठ, सोने, चाँदी, पीतल आदि का बना होता है । इसके हत्थों पर सिंह का आकार बना होता है ।

२. कमल के पत्ते के आकार का बना हुआ देवताओं का आसन ।

३. सोलह रतिबंधों के अंतर्गत चौदहवाँ बंध ।

४. मंडूर । लौहकिट्ट ।

५. दोनो भौंहों के बीच में बैठकी के आकार का चंदन या रोली का तिलक ।