सितमगर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सितमगर संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰] जालिम । अन्यायी । दुःखदायी । उ॰— यार का मुझको इस सबब डर है । शोख जालिम है औ सितमगर है ।—कविता कौ॰, भा॰ ४, पृ॰ २९ ।