सितमगर संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰] जालिम । अन्यायी । दुःखदायी । उ॰— यार का मुझको इस सबब डर है । शोख जालिम है औ सितमगर है ।—कविता कौ॰, भा॰ ४, पृ॰ २९ ।