सितारा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सितारा ^१ संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰ सितारह्]
१. तारा । नक्षत्र । उ॰— मनौ सितारे भूमि नभ फिरि आवत फिरि जात ।—स॰ सप्तक, पृ॰ ३६३ ।
२. भाग्य । प्रारब्ध । नसीब । मुहा॰—सितारा चमकना = भाग्योदय होना । अच्छी किस्मत होना । सितारा बलंद या बुलंद होना = दे॰ 'सितारा चम- कना' । सितारा मिलना = (१) फलित ज्योतिष में ग्रहमैत्री मिलना । गणना बैठना । (२) मन मिलना । परस्पर प्रेम होना ।
३. चाँदी या सोने के पत्तर की बनी हुई छोटी गोल बिंदी के आकार की टिकिया जो कामदार टीपी, जूते आदि में टाँकी जाती है या शोभा के लिये चेहरे पर चिपकाई जाती है । चमकी । उ॰—नील सलमें सितारे या बादले ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ ८७ ।
४. दे॰ 'सितारा पेशानी' ।
सितारा ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ सितार] दे॰ 'सितार' । उ॰—जलतरंग कानून अमृत कुंडली सुबीना । सारंगी रु रवाब सितारा महुवर कीना ।—सूदन (शब्द॰) ।