सिमरना † क्रि॰ स॰ [सं॰ स्मरण] दे॰ 'सुमिरना' । उ॰—(क) राम नाम का सिमरनु छोड़िया माजा हाथ बिकाना ।—तेग बहादुर (शब्द॰) । (ख) सिमरे जो एक बार ताको राम बार बार बिसरे बिसारे नाहीं सो क्यों बिसराइये ।—हृदयराम (शब्द॰) ।