सिरजना पु ^१ क्रि॰ स॰ [सं॰ सर्जन] रचना । उत्पन्न करना । सृष्टि करना । उ॰—जग सिरजत पालत संहरत पुनि क्यो बहुरि करचो ।—सूर (शब्द॰) ।
सिरजना पु ^२ क्रि॰ स॰ [सं॰ सञ्चयन] संचय करना । हिफाजत से रखना ।