सिरताज
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सिरताज संज्ञा पुं॰ [सं॰ सिर + फा॰ ताज]
१. मुकुट । शिरोभूषण ।
२. शिरोमणि । सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति या वस्तु । सबसे उत्कृष्ट व्यक्ति या वस्तु । उ॰—राम को बिसारिबो निषेध सिरताज रो । राम नाम महामनि फनि जगजाल रे ।—तुलसी (शब्द॰) ।
३. पति । शौहर (को॰) ।
४. स्वामी । प्रभु । मालिक । उ॰— कुंजन में क्रीड़ा करै मनु वाही को राज । कंस सकुच नहिं मानई रहत भयो सिरताज ।—सूर (शब्द॰) ।
५. सरदार । अग्रगण्य । अगुआ । मुखिया । उ॰—सूर सिरताज महाराजनि के महाराज जाको नाम लेत है सुखेत होत ऊसरो ।—तुलसी (शब्द॰) ।
६. एक प्रकार का आवरण, पर्दा या नकाब (को॰) ।