सिसकी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सिसकी संज्ञा स्त्री॰ [अनु॰ सी सी या सं॰ शीत्]
१. भीतर ही भीतर रोने में रुक रुककर निकलती हुई साँस का शब्द । खुलकर न रोने का शब्द । रुकती हुई लंबी साँस भरने का शब्द । क्रि॰ प्र॰—भरना ।—लेना ।
२. सिसकारी । शीत्कार । उ॰—भ्रुव मटकावति नैन नचावति । सिंजित सिसकिन सोर मचावति ।—पद्माकर ग्रं॰, पृ॰ २२७ ।