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सिसिर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सिसिर पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ शिशिर] एक ऋतु । दे॰ 'शिशिर' । उ॰— (क) चलत चलत लौ ले चले, सब सुख संग लगाय । ग्रीसम बासर सिसिर निसि, पिय मो पास बसाय ।—बिहारी (शब्द॰) । (ख) पावस परषि रहे उधरारै । सिसिर समै बसि नीर मझारै ।—पद्माकर (शब्द॰) ।