सिसोदिया

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सिसोदिया संज्ञा पुं॰ [सिसोद (स्थान)] गुहलौत राजपूतों की एक शाखा जिसकी प्रतिष्ठा क्षत्रिय कुलों में सबसे अधिक है और जिसकी प्राचीन राजधानी चित्तौड़ थी और आधुनिक राजधानी उदयपुर है । विशेष—क्षत्रियों में चित्तौड़ या उदयपुर का घराना सूर्यवंशीय महाराज रामचंद्र की वंशपरंपरा में माना जाता है । इन क्षत्रियों का पहले गुजरात के वल्लभीपुर नामक स्थान में जाना कहा जाता है । वहाँ से बाप्पारावल ने आकर चित्तौड़ को तत्कालीन मोरी शासक से लेकर अपनी राजधानी बनायी । मुसलमानों के आने पर भी चित्तौड़ स्वतंत्र रहा और हिंदू शक्ति का प्रधान स्थान माना जाता था । चित्तौड़ में बड़े बड़े पराक्रमी राणा हो गए हैं । राणा समर सिंह, राणा कुंभा, राणा साँगा आदि मुसलमानों से बड़ी वीरता से लड़े थे । प्रसिद्ध वीर महारणा प्रताप किस प्रकार अकबर से अपनी स्वाधीनता के लिये लड़े, यह प्रसिद्ध ही है । सिसोद नामक स्थान में कुछ दिन बसने के कारण गुहिलौतों की यह शाखा सिसोदिया कहलाई ।