सु

विक्षनरी से

हथचड

हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सु ^१ उप॰ [सं॰] एक उपसर्ग जो संज्ञा के साथ लगकर विशेषण का काम देता है । जिस शब्द के साथ यह उपसर्ग लगता है, उसमें (१) अच्छा, बढ़िया, भला, श्रेष्ठ, जैसे, सुगंधित; (२) सुंदर मनोहर, जैसे; सुकेशी, सुमध्यमा; (३) खुब, सर्वथा, पूरी तरह, ठीक प्रकार से; जैसे, सुजीर्ण; (४) आसानी से, सुभीते से, तुरंत, जैसे,—सुकर, सुलभ; (५) अत्यधिक, बहुत अधिक, जैसे, सुदारुण सुदीर्घ आदि का भाव आ जाता है । जैसे— सुनाम, सुपंथ, सुशील, सुवास आदि ।

सु ^२ वि॰

१. सुंदर । अच्छा ।

२. उत्तम । श्रेष्ठ । संमानयोग्य ।

३. शुभ । भला ।

सु ^३ संज्ञा पुं॰

१. उत्कर्ष । उन्नति ।

२. सुंदरता । खूबसूरती । हर्ष । आनंद । प्रसन्नता ।

४. पूजा ।

५. समृद्धि ।

६. अनुमति । आज्ञा ।

७. कष्ट । तकलीफ ।

सु पु ^४ अव्य॰ [सं॰ सह] तृतीया, पंचमी और षष्ठी विभक्ति का चिह्न ।

सु ^५ सर्व॰ [सं॰ सः] सो । वह ।

सु ^२ संज्ञा स्त्री॰

१. उत्पत्ति । पैदाइश । प्रसव । जन्म ।

२. माता । जननी [को॰] ।