सुग्रीव
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सुग्रीव ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. बालि का भाई, वानरों का राजा और श्रीरामचंद्र का सखा । विशेष—जिस समय श्रीरामचंद्र सीता को ढूँढ़ते हुए किष्किंधा पहुँचे थे, उस समय मतंग आश्रम में सुग्रीव से उनकी भेंट हुई थी । हनुमान जो ने श्रीरामचंद्र जी से सुग्रीव की मित्रता करा दी । बाली ने सुग्रीव को राज्य से भगा दिया था । उसके कहने से श्रीरामचंद्र ने बालि का बध किया, सुग्रीव को किष्किधा का राज्य दिलाया और बालि के पुत्र अंगद को युवराज बनाया । रावण को जीतने में सुग्रीव ने श्रीरामचंद्र की बहुत सहायती की थी । सुग्रीव सूर्य के पुत्र माने जाते हैं । विशेष दे॰ 'बालि' ।
२. विष्णु या कृष्ण के चार घोड़ों में से एक ।
३. शुंभ और निशुंभ का दूत जो भगवती चडी के पास उन दोनों का विवाह सबंधी संदेसा लेकर गया था ।
४. वर्तमान अवसर्पिणी के नवें अर्हत के पिता का नाम ।
५. इंद्र ।
६. शिव ।
७. पाताल का एक नाग ।
८. एक प्रकार का अस्त्र ।
९. शंख ।
१०. राजहंस ।
११. एक पर्वत का नाम ।
१२. एक प्रकार का मंडप ।
१३. नायक ।
१४. जलखंड । जलाशय (को॰) ।
सुग्रीव ^२ वि॰ जिसकी ग्रीवा सुंदर हो । सुंदर गरदनवाला ।