सुतर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सुतर † ^१ संज्ञा पुं॰ [फा़॰ शुतुर] दे॰ 'शुतुर' । उ॰—सबके आगे सुतर सवार अपार श्रृंगार बनाए । धरे जमूरक तिन पीठिन पर सहित निसान सुहाये ।-रघुराज (शब्द॰) । (ख) भरि चले सुतर रभ एक राह । बीसल तड़ाग दिय दारिगाह ।—पृ॰ रा॰, १ ।४२० ।

सुतर ^२ वि॰ [सं॰] सुख से तैरने या पार करने योग्य । जो सुख या आराम से पार किया जा सके । (नदी आदि) ।

सुतर सज्ञा पुं॰ [सं॰ सूत्रधर, प्रा॰ सूत + हर] दे॰ 'सुतर' । उ॰— सुधरि मुबारक तिय बदन परी अलक अभिराम । मनौ सौम पर सूत ह्वै राखी सुतहर काम ।—मुबारक (शब्द॰) ।