सुधाधर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सुधाधर ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ सुधा+धर (=धारण करनेवाला)] चंद्रमा । उ॰—(क) श्री रघुवीर कह्मो सुन वीर ब्झ शशी कीधौ राहु डरायो । नाउँ सुधाधर है विष को घर ल्याई विरंचि कलंक लगायो ।—हनुमन्नाटक (शब्द॰) । (ख) धार सुधार सुधाधर तें सुमनो बसुधा में सुधा ढरकी परै ।— सुंदरीसर्वस्व (शब्द॰) ।

सुधाधर ^२ वि॰ [सं॰ सुधा+अधर] जिसके अधरों में अमृत हो । उ॰—वासो मृग अंक कहै तोसों मृगनैनी सबै वासो सुधाधर तोहूँ सुधाधर मानिए ।—केशव (शब्द॰) ।