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सुधारा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सुधारा पु वि॰ [हिं॰ सूधा+आरा (प्रत्य॰)] सीधा । सरल । निष्कपट । उ॰—आयो घोष बड़ो व्यापारी । लादि पेखि गुणगान योग की ब्रज में आनि उतारी । फाटक दै के हाटक माँगत भोगे निपट सुधारी । इनके कहे कौन डहकावै ऐसो कौन अनारी ।—सूर (शब्द॰) ।