सुमति
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सुमति ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. एक दैत्य का नाम ।
२. सावर्ण मन्वंतर के एक ऋषि का नाम ।
३. सूत के एक पुत्र या शिष्य का नाम ।
४. भरत के एक पुत्र का नाम ।
५. सोमदत्त के एक पुत्र का नाम ।
६. सुपार्श्व के एक पुत्र का नाम ।
७. जनमेजय के एक पुत्र का नाम ।
८. दृढ़सेन के एक पुत्र का नाम ।
९. विदूरथ का एक पुत्र ।
१०. वर्तमान अवसर्पिणी के पाँचवें अर्हत् या गत उत्सर्पिणी के तेरहवें अर्हत् का नाम ।
११. इक्ष्वाकु- वंशी राजा कुकुत्थ के पुत्र का नाम ।
१२. नृग के एक पुत्र का नाम (को॰) ।
सुमति ^२ संज्ञा स्त्री॰
१. सगर की पत्नी का नाम । (पुराणों के अनुसार यह ६०,॰॰० पुत्रों की माता थी ।)
२. क्रतु की पुत्री का नाम ।
३. विष्णुयश की पत्नी और कल्कि की माता ।
४. सुंदर मति । सुबुद्धि । अच्छी बुद्धि ।
५. मेल ।
६. भक्ति । प्रार्थना ।
७. सारिका पक्षी । मैना ।
८. भाग्य की अनुकूलता । देव की कृपा (को॰) ।
९. शुभकामना । मंगलकामना । दुआ (को॰) ।
१०. आकांक्षा । कामना । इच्छा (र्को॰) ।
सुमति ^३ वि॰ अच्छी बुद्धिवाला । अत्यंत बुद्धिमान् ।
सुमति बाई संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ सुमति+हिं॰ बाई] एक भक्तिन का नाम जो ओड़छा के राजा मधुकर शाह की रानी गणोशबाई की सहचरी थी ।