सुरूप

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सुरूप ^१ वि॰ [सं॰] [वि॰ स्त्री॰ सुरूपा]

१. सुंदर रूपवाला । रूपवान् । खूबसूरत

२. विद्वान् । बुद्धिमान् ।

सुरूप ^२ संज्ञा पुं॰

१. शिव का एक नाम ।

२. एक असुर का नाम ।

३. कपास । तूल ।

४. पलास पीपल । परिषाश्वत्थ ।

५. कुच्छ विशिष्ट देवता और व्यक्ति । विशेष—कामदेव, दोनों अश्विनीकुमार, नकुल, पुरूरवा, नलकूबर और शांब ये सुरूप कहलाते हैं ।

सुरूप ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्वरूप] दे॰ 'स्वरूप' ^१ । उ॰—रूप सवाई दिन दिन चढ़ा । बिधि सुरूप जग ऊपर गढ़ा ।—जायसी (शब्द॰) ।