सुश्रुत
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सुश्रुत ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. आयुर्वेदीय चिकित्साशास्त्र के एक प्रसिद्ध आचार्य । विशेष—इनका रचा हुआ 'सुश्रुतसंहिना' नामक ग्रंथ बहुत मान्य समझा जाता है । गरुड़ पुराण में लिखा है कि ये विश्वामित्र के पुत्र थे और इन्होंने काशी के राजा दिवोदास से, जो धन्वंतरि के अवतार थे, शिक्षा पाई थी । आयुर्वेद के आचार्यों में इनका और इनके ग्रंथ का भी वही स्थान है, जो चरक और उनके ग्रंथ का ।
२. सुश्रुत का रचा हुआ सुश्रुत संहितानामक ग्रंथ ।
३. गोष्ठी श्राद्ध के अंत में ब्राह्मण से यह पूछना कि आप तृप्त हो गए न ।
सुश्रुत ^२ वि॰
१. अच्छी तरह सुना हुआ ।
२. जिसे प्रसन्नतापूर्वक सुना गया हो ।
३. प्रसिद्ध । मशहूर ।
४. वेद में पारंगत (को॰) ।