सुषिर
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सुषिर ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. बाँस ।
२. बेत ।
३. अग्नि । आग ।
४. चूहा ।
५. संगीत में वह यंत्र जो वायु के जोर से बजता हो ।
६. छेद । सूराख ।
७. वायुमंडल ।
८. लौंग । लवंग ।
९. काठ । लकड़ी ।
१०. वंशी आदि मुँह से फूंककर बजा जानेवाली बाजों में से निकलनेवाली ध्वनि ।
सुषिर ^२ वि॰
१. छिद्रयुक्त । छेदवाला ।
२. पोला । सावकाश ।
३. उच्चारण में मंद या विलंबित (को॰) ।