सूँघना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सूँघना क्रि॰ स [सं॰ √शिङ्घ (=आघ्राण)=शिङ्घति; प्रा॰ सिंघ, देशी सुंघ]
१. घ्राणेंद्रिय या नाक द्वारा किसी प्रकार की गंध का ग्रहण या अनुभव करना । आघ्रण करना । वास लेना । महक लेना । मुहा॰—सिर सूंघना=बड़ों का मंगलकामना के लिये छोटों का मस्तक सूँघना । बड़ों का गद् गद् होकर छोटों का मस्तक सूँघना । जमीन सूँघना=(१) पिनक लेना । ऊँघना । (२) किसी अस्त्र के वार से जमीन पर गिर पड़ना ।
२. बहुत अल्प आहार करना । बहुत कम भोजन करना । (व्यंग) । जैसे,—आप तो खाली सूँघकर उठ बैठे ।
३. साँप का काटना । जैसे, —बोलता क्यों नहीं ? क्या साँप सूँघ गया है ?