सूजना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सूजना ^१ क्रि॰ अ॰ [फा॰ सोजिश, तुल॰ सं॰ शोथ] रोग, चोट या वातप्रकेप आदि के कारण शरीर के किसी अंश का फूलना । शोथ होना ।

सूजना पु ^२ क्रि॰ अ॰ [हिं॰ सूझना] सूझना । दिखाई देना । उ॰— गुरुदेव बिना नहि मारग सूजय, गुरु बिन भक्ति न जानै । — सुंदर ग्रं॰, भा॰

१. (भू॰), पृ॰ ११७ ।