सूधा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सूधा वि॰ [सं॰ शुद्ध] [वि॰ स्त्री॰ सूधी]
१. सीधा । सरल । भोला । निष्कपट । उ॰—को अस दीन दयाल भयो दशरत्थ के लाल से सूधे सुभायन । दौरे गयंद उबारिवबे को प्रभु बाहन छोड़ि उबाहने पापन ।—पद्माकर (शब्द॰) ।
२. जो टेढ़ा न हो । सीधा । उ॰—इमि कहि सबन सहित तब ऊधो । गए नंद गुह मग सूधो ।—गिरिधरदास (शब्द॰) ।
३. इस प्रकार पड़ा हुआ कि मुँह, पेट आदि शरीर का अगला भाग ऊपर की ओर हो । चित ।
४. संमुख का । सामने की । उ॰—मुदित मन वर वदन सोभा उदित अधिक उछाह । मनहु दूरि कलंक करि ससि समर सूधो राहु ।—तुलसी (शब्द॰) ।
५. जो उलटा न हो । जो ठीक और साधारण स्थिति में हो ।
६. जो सीधी रेखा में चला गया हो । जिसमें वक्रता न हो । उ॰—सूधी अँगुरि न निकसै घीऊ ।—जायसी (शब्द॰) । मुहा॰—सूधी सूधी सुनाना=खरी खरी कहना । सूधी सहना= खरी खरी सुनना । उ॰—कबहुँ फिर पाँव न दैहौं यहाँ भजि जैहों तहाँ जहाँ सूधी सहौ ।—पद्माकर (शब्द॰) । विशेष—और अधिक अर्थों ताथा मुहावरों के लिये दे॰ 'सीधा' ।