सूरी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सूरी ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ सूरिन्] [स्त्री॰ सूरिणी]

१. विद्वान् । पंडित् । आचार्य ।

सूरी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. विदुषी । पंडिता ।

२. सूर्य की पत्नी ।

३. कुंती ।

४. राई । राजसर्षप ।

सूरी पु ^३ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ सूली] दे॰ 'सूली' । उ॰—नृप कह देहु चोर कहँ सूरी । संतवेष यह चोर कसूरी । तुरत दूत पुर बाहिर लाई । सूरी महँ दिय मुनिहिं चढ़ाई ।—रघुराज (शब्द॰) ।

सूरी पु ^४ संज्ञा पुं॰ [सं॰ शूल] भाला । उ॰—पटक्यो कंस ताहि गति रूरी । धेनुक भिरयौ तबै गहि सूरी ।—गोपाल (शब्द॰) ।