सेख

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सेख पु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ शेष]

१. शेषनाग । विशेष दे॰ 'शेष'—८ । उ॰—महिमा अमित न सकहिं कहि सहस सारदा सेख ।— तुलसी (शब्द॰) ।

२. समाप्ति । अंत । खातमा । उ॰—पियत बात तन सेख कियो द्विज रात बिहरि बन । मिटै वासना नाहिं बिना हरिपद रज के तन ।—सुधाकर (शब्द॰) ।

सेख ^२ संज्ञा पुं॰ [अं॰ शैख] दे॰ 'शेख' । उ॰—इनमें इते बलवान हैं । उत सेख मुगल पठान हैं ।—सूदन (शब्द॰) ।