सेवड़ा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सेवड़ा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ श्वेतपट, प्रा॰ सेअवड़, सेवड़, अथवा सं॰ श्वेताम्बर प्रा॰ सेअंबर, सेँबर, सेवरा, सेवड़ा]
१. जैन साधुओं का एक भेद । उ॰—श्री शंकराचार्य जी ने उस काम कौतुक बाद को इस ढंग से समझ के कुबादी सेवड़ों को बाद में परास्त किया ।—भक्तमाल, पृ॰ ४६७ ।
२. एक ग्राम देवता ।
सेवड़ा ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं सेव + ड़ा (प्रत्य॰)] मैदे का एक प्रकार का मोटा सेव या पकावान जो खस्ता और मुलायम होता है ।