सेव्य
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सेव्य वि॰ [सं॰] [वि॰ स्त्री॰ सेव्या]
१. सेवा के योग्य । जिसकी सेवा करना उचित हो । खिदमत के लायक । जैसे,—गुरु, स्वामी, पिता । उ॰—नाते सबै राम के मनियत सुहृद सुसेव्य जहाँ लौं ।— तुलसी (शब्द॰) ।
२. जिसकी सेवा करनी हो या जिनकी सेवा की जाय । जैसे,—वे तो हर प्रकार से हमारे सेव्य हैं ।
३. पूजा के योग्य । आराधना योग्य । जिसकी पूजा या उपा- सना कर्तव्य हो । जैसे,—ईश्वर ।
४. व्यवहार योग्य । काम में लाने लायक । इस्तेमाल करने लायक ।
५. रक्षण करने के योग्य । जिसकी हिफाजत मुनासिब हो ।
६. संभोग के योग्य ।
७. अध्ययन मनन के योग्य (को॰) ।
८. संचय करने या रखने के योग्य (को॰) ।
सेव्य ^२ संज्ञा पुं॰
१. स्वामी । मालिक । यौ॰—सेव्यसेवक ।
२. खस । उशीर ।
३. अश्वत्थ । पीपल का पेड़ ।
४. हिज्जल वृक्ष ।
५. लामज्जक तृण । लामज घास ।
६. गौरैया नामक पक्षी । चटक पक्षी ।
७. एक प्रकार का मद्य ।
८. सुगंधवाला ।
९. लाल चंदन ।
१०. समुद्री नमक ।
११. दही का थक्का ।
१२. जल । पानी ।