सोई

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

सोई ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ स्त्रोत, स्त्रोतिका, हि॰ सोता] वह जमीन या गड़ढा जहाँ बाढ़ या नदी का पानी रुका रह जाता है और जिसमें अगहनी धान की फसल रोपी जाती है । डाबर ।

सोई ^२ सर्व॰ [सं॰ सैव]दे॰ 'वही' । उ॰— बहुरि आइ देखा सुत सोई । हृदय कंप मन धीर न होई । — मानस, १ । २०१ ।

सोई ^३ अव्य॰ [हि॰]दे॰ 'सो' । उ॰— सोई मैं स्वशुरालय जाती थी । — प्रताप (शब्द॰) ।