स्थ

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

स्थ ^१ प्रत्य॰ [सं॰] 'स्था' धातु का एक प्रकार का कृदंत रूप जो शब्दों के अंत में लगकर नीचे लिखे अर्थ देता है—(१) स्थित । कायम । जैसे,—गंगातटस्थ भवन । (२) उपस्थित । वर्तमान । विद्यमान । मौजूद । जैसे,—उन्हें बहुत से श्लोक कंठस्थ हैं । (३) रहनेवाला । निवासी । जैसे,—काशीस्थ पंडितों ने यह व्यवस्था दी । (४) लगा हुआ । लीन । रत । जैसे,—वे ध्यानस्थ हैं ।

स्थ ^२ संज्ञा पुं॰ स्थान । जगह [को॰] ।