स्थाणु

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

स्थाणु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. खंभ । थून । स्तंभ ।

२. पेड़ का वह धड़ जिसके ऊपर की डालियाँ और पत्ते आदि न रह गए हों । ठूँठ ।

३. शिव का एक नाम ।

४. एक प्रकार का भाला या बरछी ।

५. हल का एक भाग ।

६. जीवक नामक अष्टवर्गीय ओषधि ।

७. धूपघड़ी का काँटा ।

८. दीमकों की बाँबी ।

९. वह वस्तु जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर न जा सके । स्थिर वस्तु । स्थावर पदार्थ ।

१०. ग्यारह रुद्रों में से एक का नाम ।

११. एक प्रजापति का नाम ।

१२. एक नाग का नाम ।

१३. एक राक्षस का नाम ।

१४. खूँटी । कील (को॰) ।

१५. बैठने का एक ढंग (को॰) ।

स्थाणु ^२ वि॰ स्थिर । अचल ।