स्थितप्रज्ञ वि॰ [सं॰] १. जिसकी विवेकबुद्धि स्थिर हो । २. जो समस्त मनोविकारों से रहित हो । आत्मा द्वारा आत्मा में ही संतुष्ट रहनेवाला । आत्मसंतोषी ।