स्थितिस्थापक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

स्थितिस्थापक ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] वह गुण जिसके रहने से कोई वस्तु साधारण स्थिति में आने पर फिर अपनी पूर्व अवस्था को प्राप्त हो जाय । किसी वस्तु को अनुकूल परिस्थिति में फिर उसकी पूर्व अवस्था पर पहूँचानेवाला गुण । जैसे,—बेंत लचकाने से लचक जाता है और छोड़ देने से फिर (इसी गुण के कारण) ज्यों का त्यों हो जाता है ।

स्थितिस्थापक ^२ वि॰

१. किसी वस्तु को उसकी पूर्व अवस्था को प्राप्त करानेवाला ।

२. जो सहज में लचक या झुक जाय और छोड़ देने पर फिर ज्यों का त्यों हो जाय । लचीला । लचकदार । लच- लचा । जैसे,—बेंत ।