स्पष्ट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]स्पष्ट ^१ वि॰ [सं॰]
१. जिसके देखने या समझने आदि में कुछ भी कठिनता न हो । साफ दिखाई देने या समझ में आनेवाला । जैसे,—(क) इसके अक्षर दूर से भी स्पष्ट दिखाई देते है ।
२. जिसमें किसी प्रकार की लगावट या दावँपेंच न हो । सही । साफ । जैसे,—मै तो स्पष्ट कहता हूँ; चाहे किसी को बुरा लगे और चाहे भला । मुहा॰—स्पष्ट कहना या सुनाना=बिल्कुल साफ साफ कहना । बिना कुछ छिपाव अथवा किसी का कुछ ध्यान किए कहना ।
३. वास्तविक । सच्चा (को॰) ।
४. पूर्णातः विकसित । पूरा खिला हुआ (को॰) ।
५. सुस्पष्ट या साफ साफ देखनेवाला (को॰) ।
६. जो वक्र न हो । अकुटिक । सरल । सीधा (को॰) ।
७. प्रत्यक्ष । व्यक्त । (को॰) ।
स्पष्ट ^२ संज्ञा पुं॰
१. ज्योतिष में ग्रहों का स्फुटसाधन जिससे यह जाना जाता है कि जन्म के समय अथवा किसी और विशिष्ट काल में कौन सा ग्रह किस राशि के कितने अंश, कितनी कला और कितनी विकला में था । इसकी आवश्यकता ग्रहों का ठीक ठीक फल जानने के लिये होती है ।
२. व्याकरण में वर्णों के उच्चारण का एक प्रकार का प्रयत्न जिसमें दोनों होंठ एक दूसरे से छू जाते हैं । जैंसे,—प या म के उच्चारण में स्पष्ट प्रयत्न होता है ।