स्पीच

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

स्पीच संज्ञा स्त्री॰ [अं॰] वह जो कुछ मुहँ से बोला जाय । कथन ।

२. वाक्शक्ति । बोलने की शक्ति ।

३. किसी विषय की जबानी की हुई विस्तृत व्याख्या । वक्तुता । व्याख्यान । लेक्चर । उ॰—गर्जे कि इस सफहे की कुल स्पीचें मरचेन्ट आव वेनिस से ली गई हैं ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ ४३४ ।