स्पृष्ट
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]स्पृष्ट ^१ वि॰ [सं॰]
१. जिसने स्पर्श किया हो ।
२. छूआ हुआ । हाथ से स्पर्श किया हुआ ।
३. संपर्क में आया हुआ (को॰) ।
४. ग्रस्त । प्रभावित (को॰) ।
५. दूषित । कलुषित । कलंकित । जैसे, स्पृष्टमैथुना (को॰) ।
६. पहुँचनेवाला । उपयोग करनेवाला (को॰) ।
७. जिह्वा के या उच्चारण अवयवों के पूर्ण स्पर्श से बना हुआ (को॰) ।
स्पृष्ट ^२ संज्ञा पुं॰ व्याकरण के अनुसार 'क्' से 'म्' तक के वर्णी के उच्चारण में प्रयुक्त आभ्यतर प्रयत्न [को॰] ।