स्फूर्ति
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]स्फूर्ति संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. धीरे धीरे हिलना । फड़कना । स्फुरण ।
२. (विचार आदि) मन में फुरना या उदय होना (को॰) ।
३. काव्य की प्रेरणा । कविकर्म की उद् भूति या प्रेरणा (को॰) ।
४. कोई काम करने के लिये मन में उत्पन्न होनेवाली हलकी उत्तेजना । फुरती । तेजी । जैसे—स्नान करने से शरीर में स्फूर्ति आती है ।
६. गर्व । घमंड (को॰) ।
७. खिलना । विकसित होना (को॰) ।
८. उद् भूत या व्यक्त होना (को॰) ।
९. छलाँग । चौकड़ी (को॰) ।