स्याम
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]स्याम ^१पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ श्याम]दे॰ श्याम । उ॰—विधु अति प्यारी रोहिनी तामै जनमें स्याम । अति सन्निधि कै चंद्र के पुरन मन के काम । —व्यास (शब्द॰) ।
स्याम ^२ वि॰दे॰ 'श्याम ^२' । उ॰—नील सरोरुह स्याम तरुन अरुन बारिज नयन । करहु सी मम उर धाम सदा छीर सागर सयन ।—तुलसी (शब्द॰) ।
स्याम ^३ संज्ञा पुं॰ भारतवर्ष के पूर्व के एक देश का नाम ।