स्रम

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

स्रम पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ श्रम] दे॰ 'श्रम' । उ॰—(क) स्वारथ सुकृत न स्रम बृथा देख बिहंग बिचार । बाज पराये पानि परि तू पंछी हि न मार । — बिहारी (शब्द॰) । (ख) रामचरित सर विन अन्हवाये । सो स्रम जाइ न कोटि उपाये । — तुलसी (शब्द॰) ।