स्वत्व

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

स्वत्व संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. किसी वस्तु को पाने, पास रखने या व्यवहार में लाने की योग्यता जो न्याय और लोकरीति के अनुसार किसी को प्राप्त हो । किसी वस्तु को अपने अछिकार में रखने, काम में लाने या लेने का अधिकार । अधिकार । हक । जैसे,—(क) इस संपत्ति पर हमारा स्वत्व है । (ख) उन्होंने अपनी पुस्तक का स्वत्व बेच दिया । (ग) भारतवासी अपने स्वत्वों के लिये आंदोलन कर रहे हैं ।

२. 'स्व' का भाव । अपना होने का भाव । उ॰—तृतीय यह कि जो स्वत्व, परत्व, नीच, ऊँच का विचार त्याग कर समस्त जीवों पर समान द्रवीभूत हो ।—श्रद्धाराम (शब्द॰)

३. स्वतंत्रता । स्वाधीनता (को॰) ।