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स्वरु

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

स्वरु संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वज्र ।

२. यज्ञ ।

३. वाण । तीर ।

४. सूर्य की किरण ।

५. एक प्रकार का बिच्छू ।

६. धूप (को॰) । यज्ञीय स्तंभ का एक अंश या भाग (को॰) ।

८. वृक्ष के तने से काटा हुआ काष्ठ का लंबा अंश, विशेषतः यज्ञस्तंभ (को॰) ।