स्वर्
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]स्वर् संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. स्वर्ग ।
२. परलोक ।
३. आकाश । अंत- रिक्ष ।
४. तीन महाव्याहृतियों में एक । तृतीय महाव्याहृति (को॰) ।
५. सूर्य के ऊपर और ध्रुव के मध्य का स्थान । सूर्य तथा ध्रुव का मध्यवर्ती क्षेत्र (को॰) ।
६. दीप्ति । प्रोज्वलता । कांति । प्रकाश (को॰) ।
७. जल । सलिल (को॰) ।