स्वर्णिम वि॰ [सं॰] १. सुनहला । सोने जैसा । उ॰—बंधु, चाहता काल, तोड़ दे हमें, छोड़ कंकाल । यहो दैव की चाल, जगत स्वप्नों का स्वर्णिम जाल !—मधुज्वाल, पृ॰ ३९ । २. सोने का (को॰) ।