स्वल्प
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]स्वल्प ^१ वि॰ [सं॰]
१. बहुत थोड़ा । बहुत कम । जैसे,—स्वल्प मात्रा में मकरध्वज देने से भी बहुत लाभ होता है । उ॰—(क) अतिथि ऋषीश्व शापन आए शोक भयो जिय भारी । स्वल्प शाक ते तृप्त किए सब कठिन आपदा टारी ।—सूर (शब्द॰) । (ख) कल्प वर्ष भट चल्यो किए संकल्प विजय को । समुझि अल्प बल परन स्वल्पहू लेस न भय को ।—गिरधरदास (शब्द॰) ।
२. नगण्य । महत्वहीन । तुच्छ (को॰) ।
३. संक्षिप्त । लघु । अल्प (को॰) ।
४. बहुत छोटा (को॰) ।
स्वल्प ^२ संज्ञा पुं॰ नखी या हट्टविलासिनी नामक गंधद्रव्य ।