स्वाति

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

स्वाति ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. पंद्रहवां नक्षत्र जो फलित ज्योतिष के अनुसार शुभ माना गया है । उ॰—(क) जेहि चाहत नर नारि सब अति आरत एहि भाँति । जिमि चातक चातकि त्रिषित वृष्टि सरद रितु स्वाति ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) भेद मुकता के जेते, स्वाति ही में होतु तेते, रतनन हूँ को कहूँ भूलिहू न होत भ्रम ।—रसकुसुमाकर (शब्द॰) ।

स्वाति ^२ संज्ञा पुं॰ उरु और आग्नेयी के एक पुत्र का नाम ।

स्वाति ^३ वि॰ स्वाति नक्षत्र में उत्पन्न ।