स्वाहा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

स्वाहा ^१ अव्य॰ [सं॰] एक शब्द या मंत्र जिसका प्रयोग देवताओं को हवि देने के समय किया जाता है । जैसे,—इंद्राय स्वाहा । मुहा॰—स्वाहा करना=नष्ट करना । फूँक डालना । जैसे,— उसने बाप दादे की सारी संपत्ति दो हो बरस में स्वाहा कर डाली । स्वाहा होना=नष्ट होना । बरबाद होना । जैसे,— उनका सारा धन मामले मुकदमें में स्वाहा हो गया ।

स्वाहा ^२ संज्ञा स्त्री॰

१. अग्नि की पत्नी का नाम ।

२. सभी देवताओं को बिना किसी विचार के दी जानेवाली आहुति (को॰) ।