हँकार
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]हँकार ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ हक्कार]
१. आवाज लगाकर बुलाने की क्रिया या भाव । पुकार ।
२. वह ऊँचा शब्द जो किसी को बुलाने या संबोधन करने लिये किया जाय । पुकार । मुहा॰—हकार पड़ना = बुलाने के लिये आवाज लगाना । पुकार मचाना ।
हँकार पु ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ अहङ्कार, पु॰ हिं॰ हंकार] दे॰ 'अहंकार' । उ॰—सुरत ढ़ाढस लाइकै तुम बाद करहु हँकार ।—धरनी॰ बानी, पृ॰ ३६ ।