सामग्री पर जाएँ

हँड़वाई

विक्षनरी से


प्रकाशितकोशों से अर्थ

[सम्पादन]

शब्दसागर

[सम्पादन]

हँड़वाई संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ भाण्ड या हण्डा, हण्डिका] भोजन आदि गृहकार्य में प्रयुक्त होनेवाले पात्र । घर का माल असबाब । बर्तन- भाँड़ा । उ॰—(क) हँड़वाइ कीय मन साज सुद्ध । उज्जल रजक्क जनु उफनि दूध ।—पृ॰ रा॰, १४ । १२४ । (ख) हँड़वाई घर में रही, और बिसाति न कोय ।—अर्ध॰, पृ॰ ३० । मुहा॰—हड़वाई खाना = बर्तन भाँड़ा बेचकर प्राप्त द्रव्य से जीवन- यापन करना । उ॰—हँड़वाई खाई सकल रहे टका द्रै चारि ।—अर्ध॰, पृ॰ ३१ ।