हंतकार संज्ञा पुं॰ [सं॰ हन्तकार] १. अतिथि या संन्यासी आदि के लिये निकाला हुआ भोजन जो पुष्कल का चौगुना अर्थात् मोर के सोलह अंडों के बराबर होना चाहिए । २. 'हंत' की ध्वनि । हंत शब्द (को॰) ।