हक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

हक † ^१ संज्ञा पुं॰ [अनु॰] वह धक्का जो सहसा चकपका उठने या घबरा उठने से हृदय में लगता है । धक । दे॰ 'धक' ।

हक ^२ वि॰ [अ॰ हक]

१. जो झूठ न हो । सच । सत्य ।

२. जो धर्म और नीति के अनुसार हो । वाजिब । ठीक । उचित । न्याय । जैसे,—हक बात । यौ॰—हक नाहक ।

हक ^३ संज्ञा पुं॰

१. किसी वस्तु को पाने, पास रखने या व्यवहार में लाने की योग्यता जो न्याय या लोकरीति के अनुसार किसी को प्राप्त हो । किसी वस्तु को अपने कब्जे में रखने, काम में लेने या लाने का अधिकार । स्वत्व । जैसे,—(क) इस जमीन पर हमारा हक है । (ख) तुम्हें इस जमीन पर पेड़ लगाने का क्या हक है ? यौ॰—हकदार । हकशफा ।

२. कोई काम करने या किसी से कराने का अधिकार जो किसी की आज्ञा, लोकरीति या न्याय के अनुसार प्राप्त हो । अधिकार । इख्तियार । जैसे,—(क) तुम्हें दूसरे के लड़के को मारने का क्या हक है ? (ख) तुम्हें हमारे आदमी से काम कराने का कोई हक नहीं है । मुहा॰—हक दबाना या मारना = किसी को उस वस्तु या बात से वंचित रखना जिसका उसे अधिकार प्राप्त हो । हकपर लड़ना = अपने न्याययुक्त अधिकार के लिये प्रयत्न करना । किसी ऐसी वस्तु को पाने, पास रखने, काम में लाने अथवा कोई ऐसी बात करने के लिये विरोधियों के विरुद्ध उद्योग करना जो न्याय या रीति के अनुसार कोई पा सकता हो, काम में ला सकता हो अथवा कर सकता हो । स्वत्वरक्ष के हेतु प्रयत्न करना । हक दबाना या मारा जाना = उस वस्तु या बात से वंचित होना जिसका न्याय से अधिकार प्राप्त हो । वह वस्तु न पाना या वह काम न करने पाना जो न्यायतः वह पा सकता य कर सकता हो । स्वत्व की हानि होना । हक साबित करना = यह सिद्ध करना कि किसी वस्तु को पाने, रखने या काम में लाने अथवा कोई काम करने का हमें अधिकार है । स्वत्व प्रमाणित करना । हक में = हित के लिये । लाभ क ी दृष्टि से । पक्ष में । विषय में । जैसे,—(क) ऐसा करना तुम्हारे हक में अच्छा न होगा । (ख) हम तुम्हारे हक में दुआ करेंगे ।

३. कर्तव्य । फर्ज । मुहा॰—हक अदा करना = वह बात करना जो न्याय, नीति आदि की दृष्टि से करणीय हो । कर्तव्य पालन करना । जैसे,—वे दोस्ती का हक अदा कर रहे हैं ।

४. वह वस्तु जिसे पाने, पास रखने या काम में लाने का अथवा वह बात जिसे करने का न्याय से अधिकार प्राप्त हो । जैसे,— (क) यह रुपया तो नौकरों का हक है । (ख) यहाँ टहलना हमारा हक है ।

५. वह द्रव्य या धन जो किसी काम या व्यवहार में किसी को रीति के अनुसार मिलता हो । किसी मामले में दस्तूर के मुताबिक मिलनेवाली कुछ रकम । दस्तुरी । जैसे,—(क) पुरोहित का हक तो पाँच रूपए सैकड़ा है । (ख) हमारा हक देकर तब जाइए । (ग) अदालत में मुहर्रिरों का हक भी तो देना पड़ता है । क्रि॰ प्र॰—चाहना ।—देना ।—पाना ।—माँगना । मुहा॰—हक दबाना या मारना = वह रकम न देना जो किसी को रीति के अनुसार दी जाती हो । जैसे,—नौकरों का हक मारकर आप राजा न हो जायँगे ।

६. ठीक बात । वाजिब बात । उचित बात ।

७. उचित पक्ष । न्याय पक्ष । जैसे,—मैं तो हक पर हूँ, मुझे किस बात का डर है । मुहा॰—हक पर होना = न्याय्य पक्ष का अवलंबन करना । उचित बात का आग्रह करना ।

८. खुदा । ईश्वर । (मुसलमान) ।