हकनाहक
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]हकनाहक ^१ अव्य॰ [अ॰ हक + फा़॰ ना (प्रत्य॰) + अ॰ हक़]
१. बिना उचित अनुचित के विचार के । जबरदस्ती । धींगाधींगी से । जैसे,—क्यों हकनाहक बेचारे की चीज ले रहे हो ।
२. बिना कारण या प्रयोजन । निष्प्रयोजन । व्यर्थ । फजूल । जैसे,—क्यों हकनाहक लड़ रहे हो । उ॰—हकनाहक पकरे सकल जड़िया कोठीवाल । हुंडीवाल सराफ नर अरु जौहरी दलाल ।—अर्ध॰, पृ॰ ४३ ।
हकनाहक ^२ संज्ञा पुं॰ नीति अनीति । न्याय अन्याय । उचित अनुचित । सत्य असत्य [को॰] ।