हकबकाना क्रि॰ अ॰ [अनु॰ हक्का बक्का] किसी ऐसी बात पर जिसका पहले से अनुमान तक न रहा हो अथवा जो अनहोनी या भयानक हो, स्तंभित हो जाना । ठक रह जाना । हक्का- बक्का हो जाना । सहसा निश्चेष्ट और मौन होकर मुँह ताकने लगाना । घबरा जाना ।