हटका † संज्ञा पुं॰ [हिं॰हटकना (=रोकना)] १. किवाड़ों को खुलने से रोकने के लिये लगाया हुआ काठ । किल्ली । अर्गल । ब्योँड़ा । २. प्रतिबंध । रोक । निवारण । उ॰—ना थिर रहहि न हटका मानै, पलक पलक उठि धौना ।—जग॰ श॰, भा॰२, पृ॰ ९५ ।